सीमेंस के इतिहास के सबसे बड़े लोकोमोटिव सौदे में जर्मन इंजीनियरिंग कंपनी ने सोमवार को बताया कि उसने भारत सरकार के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। अनुबंध मालगाड़ियों की आपूर्ति और रखरखाव के लिए है। अनुबंध 3 बिलियन यूरो (3.25 बिलियन डॉलर) का है।
इस समझौते के तहत सीमेंस 1,200 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्रदान करेगी और 35 वर्षों तक सेवा प्रदान करेगी। यह भारत में सीमेंस का अब तक का सबसे बड़ा अनुबंध भी है। सीमेंस द्वारा डिज़ाइन की गई, 9,000-हॉर्सपावर की ट्रेन अगले 11 वर्षों में भारत में असेंबल की जाएगी, जिसकी डिलीवरी 24 महीनों के भीतर शुरू होगी।
दिसंबर में सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में एक नई मेट्रो लाइन के लिए 900 मिलियन यूरो के सौदे पर हस्ताक्षर करने के बाद सीमेंस ने एक और बंपर अनुबंध जीता है। नई दिल्ली का इरादा सीमेंस के अनुसार माल परिवहन में रेल नेटवर्क की हिस्सेदारी को 27% से बढ़ाकर 40-45% करने का है, जिसका भारत में पहला संपर्क 1867 में निर्मित लंदन-कलकत्ता टेलीग्राफ लाइन था।